तुम इंसान बना दो
याद किया कई बार दिल ने दिल को टुटा तारा दिला दो तुम दिखाई दो कही यहा अब शिशे को ऐसी रोशनी ला दो तुम्हारा नशा इतना चढ गया दिन मे चांद ढुंढने लग गये वक्त सिधा चल रहा है अभी उसेभी थोडी शराब पिला दो नफरत भरी निगाहो से देखा फिरभी नफरत नही कर पाये बैर रखे जमिन भी मिट्टी से हमे नफरत की ऐसी दवा दो तुम छुओ पत्थर धडक जाये होश हमने खोया है कब से फुरसत मिले कभी तुमे तो हमेभी फिरसे इंसान बना दो सामने आना, फिर चले जाना इन्हसे भी सुकुन मिलता है अब कभी आओगे सामने तो सासो मे जरासा दर्द मिला दो