कुछ इस तरहा आ जाओ यहा
लहराते हुये बाल गालों को जैसे चुमते है कुछ इस तरहा आ जाओ यहा मेहबुब मेहबुबा को बाहो मे जैसे लेता है कुछ इस तरहा आ जाओ यहा कोरा कागज ‘गुलाबी’ जैसे बनता है कुछ इस तरहा आ जाओ यहा बेमतलबी लब्जों से गझल जैसे बनती है कुछ इस तरहा आ जाओ यहा गिरता हुआ अफ्ताब लहरों को जैसे छुता है कुछ इस तरहा आ जाओ यहा दो सासे एक दुसरे से जैसे लिपटती है कुछ इस तरहा आ जाओ यहा सुर्यग्रहण जैसे होता है सुरज भी चांद से जैसे मिलता है कुछ इस तरहा आ जाओ यहा बादल टुटकर जमीन पर जैसे खिलते है कुछ इस तरहा आ जाओ यहा ये रुह कब्र मे जैसे सो जाती है कुछ इस तरहा आ जाओ यहा