तेरा साथ

निले गगन के नीचे
तुझे देखा ,
तो दिल करता है  कि
दिल किहि चद्दर
को तेरा घुंगट बनादु
छुपालु  पागल सुरज से

कुचही पल गये
फिर भी लगता है
कई साल हुये तुझे देख के
चेहरे कि मुस्कान
अभीभी मरम्मत
करता  है
बिछडने के दर्द कि

पर ये खुदा
डाल दे जहान्नम
पर,
मना मत कर
इस महोब्बत को,
अब ना डारा इस  मौत से
क्यू की
इस प्यार मैं तो
उसकी  आदतसी हो गयी है











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