Day one...

जहाँ डूबता है सूरज
वहीं से निकलता है कभी?
दिल जो तोड़ते है
उनसे दिल जुड़ता है कभी?

निकलता होगा चाँद रात में
रात में चोर निकलता है
चोरी किया हुआ दिल
कोई लौटाता है कभी?

मैं मुझ में ही कैद हूँ
लेकिन क्या करूँ
खुद से ही कोई
बगावत करता है कभी?

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