अदृश्य शक्ती

अखंड तपस्या से मिलता हु मै
लोग कहते है ,
मै  हु लालची
भक्ती पार हि देता हु हर चीज ,
होता हु क्रोधीत
तो लेता हु जान 
डरता है कोई
तो कोई करता है स्वार्थ ….
लेकिन मै तो हु 
रोशनी अंधे कि 
शुभवाणी मुख कि 
चाहत खुशियो कि 
मै  तो रहता हु सदा 
फुलों के सुगंध मे,
मधुमख्खि के शहद मे,
हर एक सच्चाई मे

ढूंढते है मुझे हर क्षण हर कण मे,
अरे ढूंढो मुझे अपनी जिंदगी मे  
मिलुंगा मै तुम्हारी उम्मीदों मे 

ना करो हत्या किसी कि
ना बाटो मुझको 
मै तो सब का हु 
और तुम सब मेरे …… 

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