बस तुमसे इश्क करते है...

आसमान छोटा करके देखो
तारे टुटते नही
दिल टुटते है...
हवा नही चलती
हमारी सासे बहती है
अंधेरा नही है यहा
यहा हम रहते है
यहा चांद नही खिलता
तुम्हारा चेहरा चमकता है

सुबह हसीन नही है
कोई शगुफ्ता है
यहा सागर नही है
किसी के आसु है
ये फूल नही
तुम्हारी मुस्कान है

बारीश नही भिगोती हमे
तुम छुती हो...
कोयल के सप्तस्वर नही
तुम गाती हो...

यहा कौन जी रहा है?
हम तो बस तुम्हे देखते है...
हम मर नही जाते
बस तुमसे इश्क करते है...

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