भाई दूज
दिवाली मे आसमान भर आया
मेरे आंगण मे नीर भर आया
हर बेटी घर की रौनक होती है
धुंधली है चमक, ये क्या दौर आया
रंगीन दिवारे झगमगा रही है
दीप्ती नही बस दीप घर आया
धुआ धुआ है हर जगह हर वक्त
चलते चलते ये कोनसा शहर आया
मै आज अकेला खडा था दर पर
इस वक्त खाली हाथ मीर आया
इतनी दुर कहा गयी है रोशनी
सवाल बार बार जिंदगीभर आया
मेरे आंगण मे नीर भर आया
हर बेटी घर की रौनक होती है
धुंधली है चमक, ये क्या दौर आया
रंगीन दिवारे झगमगा रही है
दीप्ती नही बस दीप घर आया
धुआ धुआ है हर जगह हर वक्त
चलते चलते ये कोनसा शहर आया
मै आज अकेला खडा था दर पर
इस वक्त खाली हाथ मीर आया
इतनी दुर कहा गयी है रोशनी
सवाल बार बार जिंदगीभर आया
टिप्पण्या
टिप्पणी पोस्ट करा