तुम

पलकों पर पानी लिये
रात निंद बनकर आती है
माथे पर चांद लिये
यादे ख्वाब बनकर आती है

तुम्हारी खुशबू लिये
हवा सास बनकर आती है
तुम्हारी तस्वीर लिये
धडकने नज्म बनकर आती है

तुम्हारे संग बिता वक्त लिये
शाम बादल बनकर आती है
तुम्हारी आवाज लिये
बाते बरसात बनकर आती है

तुम्हारे संग रोशनी
ओस की बुंदे बनकर आती है
तुम्हारे संग सुबह
हर दिन जिंदगी बनकर आती है

तुम्हारे संग नज्म
नब्ज बनकर रह जाती है
जिंदगी के बिना
जिंदगी जिंदगी बन जाती है

टिप्पण्या

या ब्लॉगवरील लोकप्रिय पोस्ट

महाराष्ट्रदिन

Atheist having spiritual experience

क्रांती