गणतंत्र दिवस..

गणतंत्र, लोकतंत्र
ये शब्द सिर्फ शब्द है
इन्ह का अस्तित्व
एक ख्वाब है

इस ख्वाब मे
कौन कौन है
सहमे हुये चेहरे यहा
ज़िंदा कोई नही है

झंडा बेचनेवाले बच्चे गणतंत्र
सिक्को मे ढूंढ रहे है
तिरंगे के रंग इन्हके
रंगो मे अब कहा मिलते है?

चौराहे पर भिक मांगती मॉ को
क्या बताऊ गणतंत्र क्या है?
अब भारत को मॉ बुलाने के लिये
यहा बच्चे कहा है?

यहा झग़डे है राष्ट्र के लिये
धर्म के लिये लडते है
किसी की मौत को
हम अमन कहते है

ध्वजस्तंभ की उंची
तेजीसे बढ रही है
यहा गरीबी
उतनीही तेज दौड रही है

फिर भी हे गणतंत्र
तुझे सलाम करता हु
तेरे लिये जिन्होने खून बहाया है
उन्ह की कदर मै भी करता हु

तेरे जन्मदिन की
मै भी बधाइयॉ देता हु
कोई भूखा ना सोये आज के दिन
यही दुआ करता हु

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