इंतजार....

चिरती हुई खामोशी से दूर नये गाणे का इंतजार है 
एक चेहरे की तलाश में अब चिखने का इंतजार है 

अजनबी राहों में बिखराया था दिल अंजान साये के लिये 
उस साये का दिल के साथ आने का इंतजार है 

कभी तो मिल जायेगी कलम गुलाबी लबों की 
उससे लिखे हर लब्ज में खोने का इंतजार है 

उसने भुली है  चुनरी, चुडिया और बिंदिया यहा 
यहा पत्थर बने मुझे उसके मिलने का इंतजार है 

अनदेखा वादा किया था एक तस्वीर से 
ओ निभाने के लिये अंधे होने का इंतजार है 

मतलबी विवेक पुछता है की तू परेशान क्यू है?
उसे क्या पता मुझे तो उससे बिछडने का इंतजार है 





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