आदत

यहा अब अंधेरे से भी दोस्ती हो गयी 
बंद दिवारों में उसकी छाव हमसफ़र बन गयी 
मत खोलो दरवाजे खिडकीया 
रोशनी ने मेरे तलाक को मंजुरी दे दी 

कुछ दिनो पहले एक प्रेम कहाणी बंद थी
शायद चित्रकार होगा प्रेमी 
मैने जोडे कुछ लब्ज उस रेखां के साथ 
तो देख ये तो अपनी दास्तान बन गयी 

तूने कहा था एक दिन दुल्हन बने गी 
तेरे रुख्सार पर खिला तिल है निशानी 
सच तो ये है, मै जिंदा हु तू भी है, 
झुटे है ओ लोग जो कहते है यहा से तू रुखसत हो गयी 

बारिश में कितने गाने गाये थे हमने 
अब यहा देख बारीश ही है आसुओ की 
गाना गाने आयेगी?
छोड, अब तो अकेले में गाने की आदत बन गई 

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