कुछ चेहरे

ऐसे ही किसी राह पर
मिल जाते है अनगिनत चेहरे



कुछ चेहरे साथ चलते है
कुछ दुरीया बनाते है
हर एक चेहरा अधुरा है

हर एक चेहरे मे कमीया है
पर ये चेहरे का अधुरापन,
ये चेहरे की कमीया
कही छुप जाती है
एक दुसरे के साये मे
जैसे छुप जाते है दाग
बादलों के पीछे



पलभर का साथ होगा शायद
या शायद साथही ना हो
हो बस एक अंजान सफर
इस अंजान सफर मे भी
ये चेहरे बाते करते है
खामोशिया भी बाटते है
मेरे जैसे कुछ चेहरे
यहा भी तन्हा दिखते है
कुछ इसी तरहा रंगीन है
हर एक चेहरा..
पन्ने पर रंगों को मिलाओ
                                                                                           काला रंग बनता है



यहा भी अनगिनत रंग है
हर एक चेहरे पर
लेकिन यहा मिल जाते है रंग
तो इंद्रधनुष बनता है....






इंद्रधनुष को मिटना ही होता है
हर एक राह को अलग होना ही होता है
लेकीन राह भले बट जाये
रंग भले अलग हो जाये
चेहरे वही रहते है जो कल थे












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