भुल गये

रास्ते पर रुकना भुल गये
यहा आकर रास्ता भुल गये

पलके झुककर देखा तुम्हने
हम मर जाना भुल गये

दो पल साथ क्या चले तुम
हम अकेले चलना भुल गये

शिशीर मे बिखरते है सब
यहा पत्ते झडना भुल गये



बादलो ने सुरज को छुपाया
सोहबत मे अंधेरा भुल गये

आसमॉ मे जुगनू बिखरे है
अभी ओ जलना भुल गये

मुस्कुराकर चले गये तुम
हम याद करना भुल गये

विवेक इंसान था कुछ पल
अब हम जीना भुल गये

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