एक कत्ल एक हादसा

जिनकी सासे खिलोनो मे
अटकी थी
अब दफ्तरो मे बंद हो गयी
बहस इस हद तक गयी की
किसके हिस्से मे कितनी मौते आयी
अब गिनती चालू कर दी

वक्त के साथ हम सब
सिर्फ देखते रहते है
कल कोई ओर था कातिल

आज कोई ओर है
मरनेवालों मे हम जैसे ही
कुछ लोग है



झूठे थे हम
जो इन्साफ मांग रहे थे..
झूठे थे हम
जो कातिल ढूंढ रहे थे..
ये तो हादसा था,
झूठे थे हम
जो इसे कत्ल समजते थे..

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