तेरेबिना

दिवानगी पर पागलपन की गोली किसी काम की नही
इस नशेली जिस्म पर दवा जहरीली किसी काम की नही

तेरी पलकों से जिंदगी ढुंढ लुंगा कही से भी
तेरेबिना जन्नत की ये गली किसी काम की नही

तेरे हसी मे रेगिस्थान भी भुलेगा सुनापन
तेरी खुशबू नही ओ कली किसी काम की नही

तुने छुआ तो जुगनू भी चमक गया अपनेआप
तेरी रौनक नही ओ लाली किसी काम की नही

तुने कदम रखा तो रेत भी मिट्टी बन गयी
तेरा रंग नही ओ हरयाली किसी काम की नही

तुने देखा और बिना बादल मे मेघधनुष बन गया
तेरी नजर नही ओ सहेली किसी काम की नही

तेरा साथी बन गया है मेरा विवेक बिनासबुत के
तु नही ओ सजी डोली किसी काम की नही




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