तू

रबसा तू बहता जाल बनना
मुझसा तू बिछडा काल बनना

तुझमें ही मेरा साहिल बस गया
लहरों से भी अचल चाल बनना

रुठी बातूनी कोयल आज हस जा
तू मेरा अनसुना ताल बनना

अभी ना दे खोयी आजान ये खुदा
फुल का अब खोया लाल बनना

भिगी अब पलके यादों के गितोमें
तू भी प्यार की रोशन ढाल बनना

लेट जा इस कब्र में विवेक अब
तू अब्रसी तेज अब शाल बनना

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