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ऑगस्ट, २०१७ पासूनच्या पोेस्ट दाखवत आहे

दिवार

दरारे सीने पर लेकर खडी है दिवार रात के संग दिंनभर खडी है दिवार लोग रंगीन दिवार ढुंढते रहते है रंग लगायेगा कोई सोचती है दिवार हर पल नये नाम और नये चेहरे वही पुराना चित्र बनाती है दिवार पत्थर के लोग, पत्थर के सनम शीशे की तरहा टुट रही है दिवार ऐसेही गुजर रही है मेरी भी जिंदगी जीने की वजहा तलाशती है दिवार दिवारपे कुछ बोल लिखता है विवेक लब्ज जोडकर गीत गाती है दिवार

हमे लगा तुम हो

हमेशा की तरहा सुबह ओस की बुंदो को मिलने आ गई हमे लगा तुम हो मोगरे का गजरा पहने सुबह का स्पर्श लिये हमे छुने आई हो लेकिन ओ सुबह ही थी पेड पौधों को हरा रंग लगाकर चली गयी हमेशा की तरहा दोपहर सज धजकर चमक लेकर आ गयी हमे लगा तुम हो रोशनी की बिंदिया लगाये उम्मिद की किरण लेकर हमे जिंदा करने आई हो लेकीन ओ दोपहर ही थी सुरज मुखी के माथे को चुमकर चली गयी हमेशा की तरहा शाम बगीचे मे फुलों के साथ खेलने आ गयी हमे लगा तुम हो कस्तुरी गंध के संग बादलों की दुनिया छोडकर हमे बाहो मे लेने आई हो लेकीन ओ शाम ही थी बादलों की उगली पकडकर चली गयी हमेशा की तरहा रात जस्मीन की निंद तोडने आ गयी हमे लगा तुम हो चांद बनकर चांदणी की चुनरी पहने हमे अपना बनाने आई हो लेकीन ओ रात ही थी पर्वत, धरती, आसमान सबको सुलाकर चली गयी हमेशा ऐसा ही होता है तुम ही दिखती हो हर जगहा या फिर तुमही हो हर जगहा हम सोचते रहते है और वक्त चलता रहता है..

पापा

आज अचानक कुछ सुनाई दिया ‘बेटा सो जा इतनी रात जागना अच्छा नही होता’ मुझे लगा पापा होंगे पिठ थपथपाकर सर पर हात रखकर थोडी तारीफ करेंगे लेकीन यहा कोई न था बस कुछ अखबार थे और कुछ सफेद पन्ने.. असल मे ये अखबार पढना पापा ने ही सिखाया हातों की टुटी लकीरों से माथेपर लिखनाभी सिखाया यहा लोग भूल जाते है अपने चेहरे भी न जाने पापा के पास कोनसी दवा है मै फोन पर बाते बनाता हु दुनियाभर की पापा ‘असली बात’ समज जाते है लोग कहते है तुम आखों से दिल पढते हो तुम लिखते बहोत खुब हो तुम मे ये अच्छा तुम मे ओ अच्छा है इत्यादी इत्यादी मै मुस्कुराकर जवाब देता हु हर एक बच्चा पिता का आईना होता है पापा और क्या लिखु मै? कोनसी वर्णमाला का कोनसा अक्षर यहा रख दु मै? पापा ये वर्णमाला तो आप ही की देन है..

Where is INDEPENDENCE?

15 August 2017.. 71st Independence day of India.. We got independence back in 15 August 1947. But one community, one group of human beings got their recognition in 2014!! In 2014, Supreme Court recognized transgender as ‘Third Gender’!!! Imagine in INDEPENDENCE India, SOME HUMAN BEINGS were living with any LEGAL RECOGNITION. Superior Legal institute also said that without any kind of identity, it is impossible to live without DISCRIMINATION. Within one year, first transgender mayor is elected in Chhattisgarh. Supreme Court said that the fundamental rights of Transgender should be protected. But on 71st Independence day, do they have any FUNDAMENTAL RIGHTS? In 2014 Rights of Transgender Persons Bill was introduced in Rajya Sabha and passed in 2015. But Lok Sabha is still ignoring the rights of transgender community. Central ministry approved given but the core contain is missing and given bill is still pending in Loksabha. We have completed 70 years of Independence and we are still d

आनंद हो तुम

फलक तक फैला हुआ आनंद हो तुम जिंदगीसे दुर फिर भी जीवन हो तुम सदियों से रात ही है यहा अमावस की दुसरे आसमान मे छुपा कंचन हो तुम अभी तक इश्क का सुराग नही मिला उम्मिद की आखरी किरण हो तुम ये राह सुनी बेबस है ये सारा जहा मोहब्बत एक खुशबू, चंदन हो तुम दरारे है माथेपे जैसी हात की लकीरे खोया था चेहरा हमसे, मिलन हो तुम हमारा दिल था एक टुटा आशियाना पहाडसा ओजस्वी आंगण हो तुम रुठ गया था विवेक हमसे भी कभी उसे हमसे बांधनेवाला बंधन हो तुम

एक कत्ल एक हादसा

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जिनकी सासे खिलोनो मे अटकी थी अब दफ्तरो मे बंद हो गयी बहस इस हद तक गयी की किसके हिस्से मे कितनी मौते आयी अब गिनती चालू कर दी वक्त के साथ हम सब सिर्फ देखते रहते है कल कोई ओर था कातिल आज कोई ओर है मरनेवालों मे हम जैसे ही कुछ लोग है झूठे थे हम जो इन्साफ मांग रहे थे.. झूठे थे हम जो कातिल ढूंढ रहे थे.. ये तो हादसा था, झूठे थे हम जो इसे कत्ल समजते थे..

Hello I am Vivek Jadhav and sorry to say I am a victim of your perception.

Three years ago, I was confused over certain things. So I decided to change my look. I let my hair, beard to grow. One day, in Mumbai, I was travelling by Auto. At that time I had very bad conversion with autowala. When I was paying him given amount, he asked my name. After knowing my name, he said,” Are you Hindu?, I though you are a Muslim.” Another person who knows me since last 15 years told that I was looking like a Scheduled Caste boy. Few years ago, I was swimming in a river. My DUR KE RISHTEYDAR told me to get out from that river as there were two more boys swimming and they were black so my DUR KE RISHTEYDAR thought that they might belong to lower caste. THAT BLACK COLOR makes them to think that.. Two month ago, I met one person. He was very nice. After few days he sent me a friend request on facebook. Then I came to know that he was from Pakistan. I was shocked. The word PAKISTANI makes me to think DIFFERENTLY. So this means if someone is black then we should stay away f