मै और मेरी माशुका

मैने मेरी माशुका से कहा की -
चेहरे की नुमाइंदगी करता ओस का बुलबुला बन जाऊ
मै चेहरे की मासुमियत छुती बारिश की बुंद बन जाऊ

पर मेरी माशुका इतनी नफरत करती है की उसने कहा-
तू बन जा ओस का बुलबुला, मै सुबह की धूप बन जाऊ
बारिश की बुंद बन जा, मै जलती आग बन जाऊ

फिरभी प्यारभरे लब्जोसे  मैने कहा-
पलकों को अपनी नर्म बाहो में समेटती शाम बन जाऊ
मै इन आँखो की मेहेरबानी लेने रंगीन तितली बन जाऊ

उसने फौरन कहा-
बन जा तू शाम नर्म बाहो की, मैं थंडी रात बन जाऊ
तितली बन जा तू रंगीन, मैं नरभक्षी फुल बन जाऊ

मैं बेहाल, मैने कहा-
बालों को अपने कंधोपर लहरता हवा का झोका बन जाऊ
भौह की अदाओ को समाने मैं तेरा माथा बन जाऊ

उसने अपने बालों को सवरते हुए कहा-
तू बन जा हवा का झोका, मैं उसे चिरता पहाड बन जाऊ
बन जा मेरा माथा, फिर मैं बदसुरत बन जाऊ

थोडी उदासी से मैने कहा-
तु पास होने का एहसास, तेरी तस्वीर बन जाऊ
तु छुने की निशाणी, मै जमीन की मिट्टी बन जाऊ

हसते हुए उसने जवाब दिया-
तस्वीर बन जा तू, मैं अदृश्य, देहहीन बन जाऊ
तू जमीन की मिट्टी बन जा, मैं पत्थर का तट बन जाऊ

यकायक मैनेभी कहा-
होली में तेरे गालो पर खिलता कोई रंग बन जाऊ
मै तूने दिवाली में लगाया जलता दिया बन जाऊ

आखे झुकाकार उसने कहा-
बन जा रंग तू कोई, मैं काला साया बन जाऊ
जलता दिया बन जा, मैं बढता अंधेरा बन जाऊ

उसकी आखो में झाकते हुए कहा-
तेरी आवाज को सुनेने मै सुमसान जंगल बन जाऊ
तेरी धुंध में नाचणे मैं भी नाचती रागिणी बन जाऊ

झुकी हुई आखे उठाकर बोली-
तू सुमसान जंगल बन जा, मैं दावाग्नी बन जाऊ
नाचती रागिणी बन जा, मैं खामोश चुप्पी बन जाऊ

फिर मैं बोला आंखे मिलाते हुए-
तू जब आये किनारे पे, तेरी ओर खिचती लहरे बन जाऊ
तू भिग जाये बारिश में, में काले बादल बन जाऊ

आखे मिटाकर उसने कहा-
तू लहरे बन जा सागर की, मैं भाप बन जाऊ
काले बादल बन जा, मैं सफेद आसमान बन जाऊ

आखिर में उसका हात हातो में लेते हुए कहा-
तू चले तो मैं चाल बन जाऊ
तू रुके तो रुकावट बन जाऊ
चीड जाये तो घुस्सा बन जाऊ
तेरी हसी की मैं मुस्कान बन जाऊ
तेरी जख्म का मैं मरहम बन जाऊ
तेरे अश्कों का खारापन बन जाऊ
तू है ओ जहाँ बन जाऊ
और ना हो वहा मैं 'तू' बन जाऊ....

उसने दूर होते हुए कहा -
बन जा चाल, मैं जाल बन जाऊ
रुकावट बन जा, मैं पट बन जाऊ
घुस्सा बन जा, मैं मस्ती बन जाऊ
मुस्कान बन जा तू, मैं नाराजी बन जाऊ
तू बन जा मरहम, मैं बहता खून बन जाऊ
बन जा खारापन, मैं मिठे आसू बन जाऊ
तू सारा जहाँ बन जा, मैं दूर की दुनिया बन जाऊ
बन जा तू 'मैं', मैं मौत बन जाऊ








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