Happy International Women's Day

कल अखबार के आखरी पन्ने पर एक खबर थी
स-बारा साल की शरणार्थी मॉ की तस्विर थी
खबर मुश्किल से एक दो इंच बडी थी
बाजु मे एक विज्ञापन भी था
आधे पन्ने से भी बडा
जिसमे महिलाओं के आत्मसन्मान के बारे मे
लाल-पिले-निले रंगो मे बहुत कुछ लिखा था..
ओ अखबार पढकर मैंने रद्दी मे डाल दिया..



पापा ने कहा -
‘कल से English Paper शुरु करते है
रद्दी को अच्छा भाव मिलेगा’
आज English Paper मे front page पर
एक News है –
‘Hollywood के किसी बडे producer ने
किया सो-दो सो नायिकाओं का यौन शोषण’
मैंने सोचा
दुनियाभर मे यही हाल है
यहा रद्दी की इज्जत भी
इन्हकी इज्जत से बडी है..



अब कल के अखबार मे
अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस पर बडे बडे
लेख लिखे जायेंगे
चिंतन होगा, तारीफ होगी
लम्बे लम्बे भाषण किये जायेंगे

लेकीन उस बारा साल की मा
इन्ह सब से दुर
अपने बच्चे को
दुध पिलाती होगी

यहा से कई दुर
एक पिडीत लडकी
आत्म सन्मान के लिये
लढती होगी...



और हम United Nation से लेकर
पंचायत तक
इन्हकी इज्जत और आत्म सन्मान को सलाम दे कर
इन्हकी इज्जत और आत्म सन्मान दफ्तरों मे बंद कर देंगे
इस दिन भी छुट्टी मिलनी चाहिये
ये सोचकर घर चले जायेंगे

अगले दिन
फिरसे वही खबर माथेपर लेकर
नया अखबार आयेगा..
और मै..
ओ पढकर
हमेशा की तरहा रद्दी मे डाल दूंगा...

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