.... तो जान जाएगी

ये शाम तुझे भी इजाजत मिल जाएगी
किसी शाम तुझे भी मोहब्बत मिल जाएगी

एक सास मे इतना नजदीक आया हु की
दुर जाते जाते पुरी जिंदगी गुजर जाएगी

नये शहर गये हो तुम चांद चमक गया होगा
अब पुरानी बस्ती अंधेरे मे बिखर जाएगी


पलकों का ये खेल नब्जों से मिलता है
नजर झुक जायेगी तो धडकन रुक जाएगी

मिट्टी ने कहा था मुझसे इश्क जालिम होता है
मुझे क्या पता हकीकत अश्को मे भिग जाएगी

सो रहा था मै जब खुदा आया था दर पर
मेहफिल से तुम चले जाओगे तो जान जाएगी

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